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मैं, गीता भरत जैन, मेरा जन्म मुंबई के एक जैन परिवार में हुआ| माता-पिता जनसेवा में होने के कारण सामाजिक सेवा की भावना विरासत में मिली| १९८२ में विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की और विवाह मिरा-भाईंदर के एक सभ्रांत परिवार में श्री भरत मीठालाल जैन जी से हुआ| मेरी दो बेटियां है, बड़ी बेटी श्रीमती सोनम सुराना जो शादी के उपरान्त चेन्नई में सुराना परिवार के साथ रहती है और छोटी बेटी श्रीमती स्नेहा सकलेचा जो शादी के उपरान्त मुंबई के वोर्ली में सपरिवार रहती है|
मेरा परिवार महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जिले के मिरा-भायंदर क्षेत्र में सन १९६३ से रह रहा है| उस समय इस क्षेत्र की कुल जनसंखा लगभग १८००० थी| पूजनीय सासू माँ श्रीमती शांताबेन मीठालाल जैन कुशल ग्रहणी है| मेरे पूजनीय ससुर श्री मीठालाल जैन १९७० के दशक में प्लास्टिक उद्योग का व्यवसाय करते थे| उन्होंने इस क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं के लिए अपनी कमाई का २० प्रतिशत, सामजिक कार्यों में लगाया, जिसके परिणाम स्वरुप यहाँ के लोगों ने उनपर विश्वास करते हुए उन्हें ग्राम पंचायत का सदस्य बनाया| यहाँ से हमारे परिवार के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई| आगे चलकर श्री मीठा लाल जैन जी सरपंच बने उस समय मिरा-भायंदर में पेय जल की व्यवस्था नहीं थी जिसके लिए उन्होंने ३००० लोगों को लेकर जिला अधिकारी कार्यालय के सामने अनशन किया| परिणाम स्वरुप उन्हें जेल भेजा गया और इस घटना के उपरान्त शासन ने पेयजल उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया| तत पश्चात जिला परिषद सदस्य और ठाणे के जिला परिषद् अध्यक्ष बने (ठाणे जिला देश का सबसे बड़ा जिला था) उसके उपरान्त वह राजस्थान के पाली संसदीय क्षेत्र के सांसद बने| उन्होंने अपने जीवन में कोई भी असंवैधानिक काम नहीं किया है, परिणामस्वरुप आज ८७ वर्ष की आयु में भी अपने पोते-पोतियों और परपोतों के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं|
मेरी राजनीतिक जीवन की शुरुआत मिरा-भायंदर महानगरपालिका में अपक्ष (निर्दलीय) नगरसेविका के रूप में हुई| इस क्षेत्र से मैं 3 बार नगरसेविका बनी, दूसरी बार के चुनाव में मैं भाजपा के उम्मीदवार के रूप में नगरसेविका बनी और मुझे महापौर (मेयर) बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ| मुझे आल इन्डिया मेयर काउन्सिल के सचिव और महाराष्ट्र मेयर काउन्सिल, के उपाध्यक्ष बनने का मौका भी मिला| इसी दौरान मुझे कई वरिष्ठ नेताओं का सानिध्य प्राप्त हुआ| मेरे पति श्री भरत मीठालाल जैन इस क्षेत्र के जाने माने भवन निर्माता हैं (Sonam Builders, www.sonamgroup.com)। जब मैंने राजनीति में, अपना पहला कदम रखा था तब मेरे पति और ससुर जी ने मुझसे कहा था कि हमने अबतक राजनीति का कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया है, तुम भी ऐसा ही करना| राजनीति में सिर्फ सेवा करना, क्योंकि खुशहाल जीवन यापन के लिए मेरा परिवार, सक्षम है| महापौर रहते समय मुझसे हजारों की संख्या में लोग पास मदद माँगने आते थे, सीमित साधनों के कारण मैं सबकी मदद करने में अपने आप को असक्षम महसूस करती थी| मेरे क्षेत्र के लोगों का मानना था कि मुझे विधान सभा का चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि उस समय इस क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा गैर कानूनी कार्यों को तीव्र गति से अंजाम दिया जा रहा था| कई अन्य राजनीतिक दलों ने मुझे अपने अपने पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था लेकिन मुझे भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ना था, क्योंकि मोदी जी की विचार धारा से मैं अत्यंत प्रभावित थी| इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कई व्यक्तियों के जीवन चरित्र ने मुझे आकर्षित किया और उनकी जीवन शैली जानकर चकित रह गई और मुझे जनसेवा हेतु संघर्ष करने की प्रेरणा मिली| सन 2010 से सामाजिक संगठन सहकार-भारती (www.sbmbmc.org) के मिरा भायंदर शहर जिला की महिला विंग से जुडी हुई हूँ और इस क्षेत्र के को.ऑप.हौ.सोसाइटी के पुनर्विकास की अड़चन को दूर करने के लिए सतत कार्य कर रही हूँ|
२०१९ के विधान सभा चुनाव के लिए इच्छुक उम्मीदवार के रूप में मैंने भी भाजपा को अर्जी दी थी किन्तु पार्टी ने अपने पूर्व विधायक को टिकट दिया| मैंने चुनाव लड़ने का संकल्प किया था इसलिए अपक्ष उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और १६५०० से अधिक वोटों से विजय प्राप्त की| चुनाव के समय सर्व प्रकार से मुझे और मेरे परिवार को रोकने की कोशिश की गई लेकिन मेरे शांत स्वभाव के कारण उनके जुल्मों को झेलती रही| सुबह 7 बजे से रात २ बजे तक जनता के बीच जाकर छोटे-बड़े कार्यक्रम करती रही और कई बार उनके नियोजन के अनुसार मुझे रोकने की कोशिश की गई| मेरे साथ काम करने वाले लोगो को धमकियां दी गई| विधायक की शपथ ग्रहण के बाद मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में जनहित कार्यों के समापन हेतु महानगर पालिका के असंवैधानिक कार्यों के प्रति अपना विरोध जताना शुरू कर दिया, मार्च महीने से लॉक डाउन में भी सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना मरीजों के सेवा में, मरीजों के पौष्टिक भोजन की व्यवस्था, प्रवासीयों को उनके मूल राज्यों में पहूँचाने, राशन वितरण, दवाईयों के वितरण आदि कार्यों में जुटी रही|
मैं भारतवर्ष के जनमानस से पूछना चाहती हूँ कि क्या जनप्रतिनिधियों को अपराधों से दूर रहना चाहिए कि नहीं? आज जब आप सभी आदर्श व्यक्तियों को मैं देखती हूँ तो आपको आदर्श मानकर आगे बड़ने का हौसला मिलता है, मैं निरतंर आगे बढती रहूंगी| विधायक बनने के बाद मेरे कार्यालय में प्रतिदिन 1500 से अधिक लोग अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए आते हैं| इनमें अधिकाँश समस्याएँ महिलाओं से सम्बंधित रहती हैं| मैं अपने कार्यकाल में उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ| मेरे मन में विचार आया कि भारत की महिलाओं के लिए अवश्य कुछ करना चाहिए और मैंने अपने ससुर श्री मीठालाल जैन, पति श्री भरत मीठालाल जैन और सलाहकार से विचार विमर्श किया| जानकारी एकत्र करने के उपरान्त निष्कर्ष निकला कि महिलाओं के लिए एक फाउंडेशन बनाई जाए जो सम्पूर्ण भारतवर्ष में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करे| नारी सशक्तिकरण फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन भारत सरकार के नियमानुसार दिनांक 14-10-2020 को किया गया (CIN-U85310MH2020NPL347925)| इस फाउंडेशन में मेरी 10 अन्य महिला सहयोगी शामिल हुई|
दिनांक 19/11/2020 को मिरा-भाईंदर, जिला ठाणे में नारी सशक्तिकरण फाउंडेशन के प्रथम कार्यालय का शुभारम्भ हुआ, पता– शॉप 01, जानकी हाइट्स A,B,C सोसाइटी, न्यू गोल्डन नेस्ट, जैन बंगलो के सामने, भाईंदर पूर्व, ठाणे, महाराष्ट्र –४०११०५| भारत की सभी महिलाओं से आवाहन करना चाहती हूँ कि आप सभी “नारी सशक्तिकरण फाउंडेशन” से जुड़े और अपनी व अन्य महिलाओं की समस्याओं का समाधान करके एक सुखद जीवन व्यतीत करें| मोबाइल- 9699119955 email – nsfoundation507@gmail.com
धन्यवाद,
सस्नेह,
गीता भरत जैन
(www.geetajain.in)